(For Chennai Sabha)
प्रवेशिका – 1 PRAVESHIKA-1
1. किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में
लिखिए :
à(नवीन पद्य चयनिका - 1) (5 out of 8) (5 x 2 = 10)
(1) कवि मैथिलीशरण गुप्त पशु-प्रवृत्ति किसे कहते हैं ?
(2)
दधिचि ने किसके लिए अपना
अस्थिजाल दिया?
(3) कवि
मैथिलीशरण गुप्त के विचार में मनुष्य कौन हैं ?
(4) कवि
मैथिलीशरण गुप्त किनको उदार मानते हैं ?
(5) कवि
प्रसाद के अनुसार अनजान क्षितिज को कहीं पहुँचने पर सहारा मिलता है ?
(6) अनंत
की लहरें कहाँ टकराती हैं?
(7) कवि
उड़ते खगों के पंखों की तुलना किससे करते हैं ?
(8) बादल के जनक कौन और सहोदर कौन-कौन हैं ?
(9) कवयित्री बादल के श्याम तन का परिधान किसे कहती हैं ?
(10) तृषित धरा ने जब पुकारा, तब बादल नयनों में क्या लेकर भू पर उतरे ?
(11) धरती के रोम-रोम में कौन समा हुआ है ?
(12) कवि पंत के अनुसार मानव को किसपर निर्भर रहना चाहिए?
(13) जग-जीवन के बारे में कवि पंत का विचार क्या है ?
(14) कवि पंत के अनुसार दूसरों का अवगुण कैसे दूर किया जा सकता है ?
(15) ‘निरालाजी’ क्यों ऐसा कहते हैं कि उनका अंत अभी न होगा ?
(16) ‘निराला’ पुष्प-पुष्प से किसे खींच लेंगे ?
(17) 'निराला' कैसे प्रत्यूस जगाएँगे ?
(18) ‘बच्चन‘ किसपर कविता क्यों लिखना चाहते थे ?
(19) क्या ‘बच्चन‘ के शब्दों में चिड़िया के कंठ का संगीत है ?
(20) ‘बच्चन‘ चिड़िया पर कविता क्यों लिखना चाहते थे ?
(21) ‘दिनकर‘ के अनुसार विपत्ति किसको दहलाती है ?
(22) क्या आदमी के मग में कोई विघ्न टिक सकता है ?
(23) ‘काँटों में राह बनाना ‘ ---- इसका तात्पर्य क्या है ?
(24) सुभद्राकुमारी चौहान अपने प्रियतम के पास क्यों जाना चाहती हैं ?
(25) ‘निश्चित मार्ग‘की कवयित्री अपने प्रियतम को किन-किन शब्दों से संबोधित करती हैं?
(26) सुभद्राकुमारी चौहान अपने निश्चित मार्ग पर कैसे अडी हैं ?
2. किसी एक कवि का परिचय दीजिए :
à(नवीन पद्य चयनिका - 1) (1 out of 3) (1 x 5 = 5)
(1) मैथिलीशरण गुप्त
(2) महादेवी वर्मा
(3)
(4)
3. किसी एक कविता का सारांश लिखिए :
à(नवीन पद्य चयनिका - 1) (1 out of 3) (1 x 10 = 10)
(1) मधुमय देश हमारा
(2)
श्यामल बादल
(3)
चिरंतन जीवन चक्र
(4)
अनंत द्वार
(5)
प्यार
4. किन्हीं दो पध्यांशों का संदर्भ सहित
भाव समझाइये:
à(नवीन पद्य चयनिका - 1) (2 out of 4) (2 x 5 = 10)
(1) विचार लो कि
मर्त्य हो न मृत्यु से ड्रो कभी
मरो, परंतु यों
मरो कि याद जो करें सभी |
हुई न यों सुमृत्यु
तो वृथा मरे, वृथा जिए,
मरा नहीं वही
कि जो जिया न आपके लिए |
(2) क्षुधार्थ रतिदेव
ने दिया करस्थ थाल थी,
तथा दधिचि ने दिया परार्थ अस्थिजाल भी |
उशीनर क्षितीश ने स्वमांस दान भी किया,
सहर्ष वीर कर्ण ने शरीर-चर्म भी दिया |
अनित्य देह के लिए अनादि जीव क्या ड्ररे ?
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ||
(3) हेम कुंभ ले उषा सवेरे भरती ढुलकाती सुख मेरे |
मदिर ऊँघते रहते जब जगकर रजनी भर तारा ||
(4) तृषित धरा ने इसे पुकारा,
विकल दृष्टि से इसे निहारा,
उतर पडा
वह भू पर लेकर
उर में करुणा नयनों में जल !
कहाँ गया वह श्यामल बादल ?
(5) बन शांत, धीर, क्षमातामय,
बन स्नेही, सहृदय, सहचर,
गुण-दोष-युक्त्त जग-जीवन
निज गुण से पर-अवगुण हर !
(6) हरे-हरे ये पात,
डालियाँ, कलियाँ, कोमल गात |
मैं ही अपनी स्वप्न-मृदुल-कर
फ़ेरूँगा निद्रित कलियों पर
जगा एक प्रत्यूष मनोहर |
(7) ‘तब
तुम मुझपर कविता क्या लिखोगे ?’
मैंने कहा, ‘पर तुमसे मुझे प्यार है |’
चिडिया बोली, प्यार का शब्दों से क्या सरोकार है?”
एक अनुभव हुआ नया |
मैं मौन हो गया !
(8) गुण बडे एक से एक प्रखर
हैं छिपे मानवों के भीतर,
मेहंदी में जैसे लाली हो
वर्तिका बीच उजियाली हो |
5. किन्हीं दो पध्यांशों का संदर्भ सहित
भाव समझाइये:
à(नवीन पद्य चयनिका - 1) (2 out of 4) (2 x 5 = 10)
(1) ‘आमिना’ और ‘देवकी’ ने जो पिलाया था कभी |
फिर वही सागिर जमाने को पिला सकती है तू ||
मरियमो सीता की शीरीं मुस्कुराहट की
कसम |
आज भी संसार को जन्नत बना सकती है तू ||
(2) सारे जहाँ पी जब था वहशत का अब्र तारी,
चश्मो-चिरागे आलम थी सरजमीं
हमारी |
गौतम ने आबरू डी इस मुआबिदे कुहन को
सींचा लहू से अपने राणा ने
इस चमन को |
(3) हुब्बे
वतन समाये आँखों में नूर होकर |
सर
में खुमार होकर, दिल में सुरूर होकर |
बुलबुल
को गुल मुबारक, गुल को चमन मुबारक;
हम
बेकसों को अपना प्यारा वतन मुबारक |
(4)
समुंदर में फ़ना होते हैं करते अब्र नेसाँ के,
बडी
दुश्वारियों से तब दुरे-शहवार बनता है |
हजारों
हस्तियाँ जब खाल में मिलती हैं बीजों की,
कहीं
तब इक जरा-सा तख्त-ए-गुलजार बनता है |
(5) गरज
हर ऐश का रास्ता है मंजिल से मुसीबत की,
मुसीबत
झेल्कर दहकान भी काचार बनता है |
हथेली
पर जो रख-लें जाँ उसीकी कामयाबी हैं ;
जो
रख दे दार पर सर, बस, वही सरदार बनता है |
(6) राह कुर्बानियों की न वीरान हो
तुम सजाते ही रहना नये काफिले
फतह का जश्न इस जश्न के बाद है
जिन्दगी मौत से मिल रही है गले
(1) हम
तुम्हारो सुमिरन करैं, तुम मोहिं चितवौ नाहिं |
सुमिरन
मन की प्रीति है, सो मन तुम्हीं माहिं ||
(2) हंसा बगुला एक्सा, मानसरोवर माहिं |
बगा
ढँढोरा माछरी, हंसा मोती खाहिं ||
(3) हीरा परा बजार में, रहा छार लपटाय |
बहुतक मूरख चलि गये, पारखि लिया उठाय ||
(4) दुख में सुमिरन सब करैं, सुख में करैं
न कोय |
जो
सुख में सुमिरन करै, तो दुख काहे होय ||
(5) छिमा बडन को चाहिए, छोटन को उत्पात
|
कहा
विष्णु को घटि गयो, जो भृग मारी लात ||
(6)
कथनी थोथी जगत में, करनी उत्तम सार |
कह
कबीर करनी सबल, उतरे भौजल पार ||
(7) बुरा जो देखन मैं चला,
बुरा न मिलिया कोय |
जो
दिल खोजा आपना, मुझसा बुरा न कोय ||
(8)
माला फ़ेरत जुग भया, फ़िर न मन का फ़ेर|
कर
का मनका डारि दे, मन का मनका फ़ेर||
(9) बाँबी कूटे बावरे, साँप न मारा जाय |
मूरख
बाँबी ना डसे, सर्प सबन को खाय ||
(10)
सीतल शब्द उचरिये, अहम आनिये नाहिं |
तेरा प्रीतम तुज्झ में, सत्रू भी तुझ माहिं ||
6. कंठस्थ पध्यांश ज्यों का त्यों लिखिए :
à(नवीन पद्य चयनिका – 1) (2 x 2½ = 5)
(1)
बिगरी बात ............... माखन होय ||
(2) तरुवर फल ............... सँचहिं सुजान ||
(3) धनि रहीम ............... पियासो जाय ||
(4) एकै साधे
............... फलहिं अघाय ||
(5) जो रहीम ............... रहत भुजंग ||
(6) रहिमन
याचकता ............... आँगुर गात ||
(7) बड़े बड़ाई ............... मेरो मोल ||
(8) रहिमन जिह्वा ............... खात कपाल||
(9) जाल परे ............... छाँडत छोह ||
(10) जब लगि ............... रिपु होई ||
7. किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर
पाँच-पाँच वाक्यों में लिखिए :
à(नवीन गद्य चयनिका – 1) (3 out of 5) (3 x 5 = 15)
(1) किसान सामानयतः भारत माता का क्या अर्थ लेते थे ?
(2) भारत माता के प्रति नेहरू जी के क्या विचार थे ?
(3) लेखक
ने टार्च बेचनेवाली कंपनी का नाम ‘सूरज छाप’ क्यों रखा ?
(4) पाँच साल बाद दोनों दोस्तों की मुलाकात
किस परिस्थिति में हुई ?
(5) टार्च बेचनेवाला अब कंपनी बदल रहा है – इसका
आशय क्या है ? वह क्या करनेवाला है ?
(6) प्रेमचंद
की रचनाओं की विषय-वस्तु कौन-सी है ?
(7) प्रेमचंद
के साहित्यिक जीवन के बारे में लिखिए ?
(8) दुनिया के महान आश्चर्यों में ताजमहल की गणना क्यों की जाती है ?
(9) मुमताज ने अपने पति से क्या कहा और ताजमहल को किस बात का डर है ?
(10) ताजमहल का ह्रदय क्यों विदीर्ण होता है और
वह क्या चाहता है ?
(11) माखनलाल
चतुर्वेदी व्यक्तित्व किस वस्तु को कहते हैं ?
(12) व्यक्तित्व की जरूरत जीवन के किन-किन क्षेत्रों में होती है ?
(13) अच्छी आदतों से बाहरी और भीतरी जीवन का मेल मनुष्य के जीवन में कैसा असर डालता
है ?
(14) प्रसादजी की दिनचर्चा
के बारे में लिखिए |
(15)प्रसाद की कहानियों और उनकी भाषा के बारे में अपना विचार व्यक्त कीजिए |
(16) पत्रिका क्षेत्र के संबंध में द्विवेदी जी
का दृष्टिकोण क्या था ?
(17) चुनाव
के समय नेताओं के वोट माँगने का तरीका बताइए |
(18) चुनाव
के समय का वातावरण प्रस्तुत कीजिए ?
8. किन्हीं दो पर टिप्पणियाँ लिखिए :
à(नवीन गद्य चयनिका – 1) (2 out of 4) (2 x 5 = 10)
(1) भारत माता
(2) प्रेमचन्द के साहित्य पर आर्थिक समस्याओं का प्रभुत्व
(3) व्यक्तित्व की रक्षा
(4)
प्रसादजी के नाटक
(5)
द्विवेदी ने नौकरी पर लात मार दी
(6) लोभ एक तरह की बीमारी है
9. किसी एक पाठ का सारांश लिखिए :
à(नवीन गद्य चयनिका – 1) (1 out of 3) (1 x 10 = 10)
(1)
भारत माता
(2) टार्च बेचनेवाला
(3) प्रेमचन्द
(4) ताजमहल की आत्म कहानी
(5) व्यक्तित्व
10. किन्हीं तीन की संदर्भ सहित व्याख्या
कीजिए :
à(नवीन गद्य चयनिका – 1) (3 out of 5) (3 x 5 = 15)
(1) मैंने इस बात की कोशिश की कि लोग सारे हिन्दुस्तान के बारे
में सोचें और कुछ हद तक इस बडी दुनिया के बारे में, जिसके हम जुज हैं |
(2) मैं उन्हें
सोवियत यूनियन में होनेवाली अचरज-भरी तब्दीलियों का हाल भी बताता और कहता कि
अमेरिका ने कैसी तरक्की की है |
(3) हिंदुस्तान के नदी और पहाड, जंगल और खेत जो हमें अन्न देते हैं, ये सभी हमें अजीज हैं | लेकिन आखिरकार जिनकी गिनती है, वे हैं हिंदुस्तान के लोग, उनके और मेरे जैसे लोग, जो इस सारे देश में फ़ैले हुए हैं |
(4) आपने तो देखा ही है साहब कि लोग मेरी बातें सुनकर कैसे डर जाते थे | भर-दोपहर में वे अँधेरे के डर से काँपने लगते थे | आदमी को ड्राना कितना आसान है |
(6) साले, फ़िलासफ़ी मत
बधार। यह बता कि तूने इतनी दौलत कैसे कमा ली पाँच सालों में"?
(7) उस युग के आदर्शवाद ने जिसका मूल आधार था जनवाद, उनको निश्चय
ही प्रभावित किया, परंतु उनका यह आदर्शवाद अथवा जनवाद स्वभावजात था, युग-प्रथा मात्र
नहीं था।
(8) सामाजिक
और आर्थिक आचरण के नीचे आखिर पूँजीवादी भी तो मनुष्य है, जो उसी तरह दुख-दर्द का
शिकार है जिस तरह मजदूर |
(9) उनकी
प्रतिभा कई अंशों में महाकाव्यकार की प्रतीभा थी | इसीलिये उन्हें जीवन समग्रता के
प्रति राग था और मानव के सभी रूपों के प्रति ममत्व था |
(10) योगी की समाधि की तरह में आगरे में यमुना के किनारे अपनी स्मृतियों को संजोने का प्रयत करता हूँ।
(11) ‘प्रिय ! अगर मेरी मृत्यु के पश्चात तुम कोई अनुपम स्मारक
बनाने का वचन दो तो अभी मैं इस ताज के उस बुर्ज से कूदकर अपने प्रण त्याग दूँ |’
(12) ये सब कठिनाइयाँ, यह स्वभाव की खराबियाँ हममें तभी जन्म लेती या फ़ूलती-फ़लती हैं, जब हम बाहरी जीवन को भीतरी जीवन के प्रति उत्तरदायी न मानकर अपनी दुनिया बनाने बैठते हैं|
(13) अच्छी
आदतों से व्यक्ति बनता है, ठीक है | किन्तु उनकी अच्छी आदतों से बाहरी और भीतरी
जीवन के मेल-मिलाये रहें, यही मेल मनुष्य के जीवन में आकर्षण, प्रकाश और विश्वास
पैदा करता है |
(14) उनकी
महानता यह थी कि वे कडी आलोचना करनेवाले लोगों से भी नाराज नहीं होते थे |
(15) “जो
कुछ समाज के भय से छिपकर किया जाता है, वही पाप है |”
(16) जातिगत जन्म-व्यवस्था का तिरस्कार कर कर्म को ही आधार-स्तंभ
माना है | क्योंकि मानवीय विकास का कर्म ही एकमात्र साधन है |
प्रवेशिका – 2
PRAVESHIKA-2
1. किन्हीं दो पर टिप्पणियाँ लिखिए :
à(सत्य का स्वर) (2 out of 4) (2 x 5 = 10)
(1) लडकपन
(2) गांधीजी के मांसाहार करने का निश्चय
(3) मांसाहार का
मुल्तवी
(4)
अहिंसा का पदार्थ पाठ
(5) विलायत जाने की तैयारी
(6) डाँ. मेहता
का उपदेश
2. किसी एक का सारांश लिखिए:
à(सत्य का स्वर) (1 out of 3) (1 x 10 = 10)
(1) माँ बाप और
जन्म
(2) लडकपन
(3) हाई स्कूल
में
(4) चोरी और प्रायश्चित
(5) धर्म की झलक
(6) तीन प्रतिज्ञाएँ
(7) सादगी की ओर
3. किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर एक या दो
वाक्यों में लिखिए :
à(सत्यमेव जयते) (5 out of 8) (5 x 2 = 10)
(1) वशिष्ठ ने त्रिशंकु को क्यों स्वर्ग नहीं भेजा ?
(2) विश्वामित्र
ने कौन-सी प्रतिज्ञा की थी ?
(3) विश्वामित्र ने किसके लिए महान यज्ञ करने का संकल्प किया था ?
(4) नक्षत्रक
किसका शिष्य था ?
(5) हरिश्चंद्र ने जंगल में सिंह को मारकर किसको बचाया ?
(6)हरिश्चंद्र ने अपना वचन पूरा करने के लिए विश्वामित्र से कितना समय मांगा ?
(7) किसने
तपोवन को जंगल बना दिया था ?
(8)
भगवान शंकर ने स्वप्न में दर्शन देकर चंद्रमती से क्या कहा ?
(9) चंद्रमती
ने नक्षत्रक से अपने पति के संबंध में क्या बताया ?
(10)
चन्द्रमती के कथन के अनुसार पत्नी का परम कर्तव्य क्या है ?
(11)नक्षत्रक ने हरिश्चंद्र का दिया हुआ धन खो जाने का झूठा कारण क्या बताया ?
(12) हरिश्चंद्र
किसके हाथ में बिक गया ?
(13) चंद्रमती
को काशी में किसने दासी के रूप में खरीदा ?
(14) रोहित जंगल में क्यों गया ?
(15) केशव और माधव कौन थे ?
(16) चंद्रमती को किस अपराध पर मृत्यु-दंड दिया गया ?
(17) वशिष्ठ
को किस बात की प्रसन्नता थी ?
4. किसी एक पर टिप्पणियाँ लिखिए :
à(सत्यमेव जयते) (1 out of 3) (1 x 5 = 5)
(1) सत्यपाल
(2) नक्षत्रक
5. किसी एक पात्र का चरित्र - चित्रण
कीजिए :
à(सत्यमेव जयते) (1 out of 3) (1 x 10 = 10)
(1) ह्ररिश्चंद्र
(2) वशिष्ठ
6. वचन बदलिए:
(Refer Madhyama and Rashtrabasha Books) (1 x 5 = 5)
7. लिंग बदलिए :
(Refer Madhyama and Rashtrabasha Books) (1 x 5 = 5)
8. किन्हीं तीन की संदर्भ सहित व्याख्या
कीजिए :
à(सत्यमेव जयते) (3 out of 6) (3 x 5 = 15)
(1)
प्रजा को सत्य-मार्ग पर आरूढ करने के लिए राजा का भी सत्यवादी होना आवश्यक है |
अपने सत्याचरण के द्वारा प्रजा को सत्यप्रिय और सुखी बनाना तथा उसके द्वारा जीवन
को भौतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से ऊँचे स्तर पर ले जाना ही शासन का प्रधान लक्ष्य
होना चाहिए |
(2) सांसारिक झंझटों में पडे
हुए एक साधारण राजा से सत्य का पालन कभी संभव नहीं हो सकता | पाताल क्या आकाश को
कभी छू सकता है |
(3) मैं इस शुभ दिन की प्रतीक्षा करूँगा, जब हँसते-हँसते सारा राज्य दान कर दूँ और आत्म्शक्ति की परीक्षा कर लूँ |
(4) क्या आप यह नहीं जानते कि न्याय की रक्षा
बडा दुस्तर कार्य है | उसपर धन की थाथी और भी भार-रूप लगती है | न जाने कब क्या हो
जाए ? मानव का मन बडा चंचल है |
(5) शास्त्र-चर्चा और नियम-निर्धारण करना शास्त्रोपजीवी क्षत्रियों का नहीं, बल्कि विश्वहितैषी हम-जैसे ऋषियों का काम है |
(6) सत्यनिष्ठा
मेरा परम धर्म है | असत्याचरण से मैं जितनी घृणा करता हूँ सत्याचरण के दुखद परिणाम
से डरता नहीं |
(7)
जो राष्ट्र-वृक्ष अब तक आपके सुशासन में फ़ूलता-फ़लता रहा, वह
अब ऋषि के शासन में मुरझाकर नष्ट हो जाएगा |
(8) शासक
तो पहले भी बहुत-से हुए और अनंतर भी अनेक होंगे | इस अशाश्वत शासन के लिए शाश्वत
सत्य का त्याग में नहीं कर सकता |
(9) ये ऋषि सर्प हैं | सर्प से यह कहा
जाए कि वह सीधी चाल चले, तो क्या वह ऐसा कर सकेगा ? सर्प सर्प ही है ?
(10) जिसने
राजमहल की चन्द्रकांत शिलाओं से निर्मित कुट्टिमों और उद्यान्वाटिका की
नन्हीं-नन्हीं कोमल तृण-शय्या को छोड कठोर भूमि पर पैर रखा तक नहीं, उसे आज इस
पथ्रीली और कंटीली जमीन पर नंगे पैर चलना पड रहा है |
8. किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर एक या
दो वाक्यों में लिखिए :
à(हिन्दी व्याकरण प्रवेशिका - 1) (5 out of 8) (5 x 2 = 10)
(1) व्याकरण किसे कहते हैं ?
(2)शब्द किसे कहते हैं ?किन-किन दृष्टियों से शब्दों का वर्गीकरण किया जाता है ?
(3) संज्ञा की परिभाषा दीजिए ?
(4) लिंग किसे कहते हैं ? उसके
कितने प्रकार हैं ?
(5) वचन किसे कहते हैं ? उसके
प्रकार क्या-क्या हैं ?
(6) सर्वनाम की परिभाषा दीजिए ?
(7) सर्वनाम के कितने भेद हैं
और वे क्या-क्या हैं ?
(8) विशेषण किसे कहते हैं ?
(9) निर्देशक
सर्वनाम का दूसरा नाम क्या है ?
(10) कर्म
की दृष्टि से क्रिया के भेद क्या-क्या हैं ?
(11) ‘यह तस्वीर पिताजी ने खींची’ – यह वाक्य कर्तुवाच्य है या कर्मवाच्य ?
(12) काल
किसे कहते हैं ?
(13) प्रमुख
रूप से काल के कितने भेद हैं ? वे क्या-क्या हैं ?
(14)
क्रिया विशेषण किसे कहते हैं ? उसके कितने भेद हैं ?
(15) प्रत्यय का दूसरा नाम क्या है ?
(16) वाक्य को निषेधात्मक या नकरात्मक रूप देने के लिए किस शब्द का प्रयोग किया जाता है ?
8. किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर
सविस्तार लिखिए :
à(हिन्दी व्याकरण प्रवेशिका - 1) (4 out of 6) (5 x 4 = 20)
(1) भाषा की परिभाषा देते हुए उसके प्रकारों पर
प्रकाश डालिए |
(2) व्याकरण
की परिभाषा देते हुए हिंदी व्याकरण के प्रकारों को समझाइए |
(3) रचना की दृष्टि से शब्द भेद क्या-क्या हैं ? सविस्तार उत्तर दीजिए ?
(4) प्रयोग की दृष्टि से शब्द
भेद क्या-क्या हैं ? सविस्तार उत्तर दीजिए ?
(5) संज्ञा किसे
कहते हैं और उसके कितने प्रकार हैं -समझाइए |
(6) कारक की परिभाषा क्या है, उसके कितने प्रकार हैं, सोदाहरण समझाइए ।
(7) विशेषण की परिभाषा देते हुए उसके भेदों को सोदाहरण समझाइए |
(8)क्रिया
की परिभाषा देकर कर्म की दृष्टि से क्रिया के भेदों को सोदाहरण समझाइए |
(9) ‘ने’ नियम विस्तार से लिखिए |
(10) न,
नहीं और मत का प्रयोग उदाहरण के साथ समझाइए |
प्रवेशिका – 3 PRAVESHIKA-3
भाग-I
1.किसी एक विषय पर निबंध लिखिए :
à(हिन्दी रत्नाकर) (1 out of 4) (1 x 15 = 15)
(1) परिश्रम का महत्व
(2) अनुशासन
(3) परोपकार
(4) व्यायाम का महत्व
(5) नागरिकों के कर्तव्य और अधिकार
(6) महात्मा गांधी
(7) दीपावली
2. पत्र लेखन: à(हिन्दी रत्नाकर) (1 out of 2) (1 x 10 = 10)
(1) मान लीजिए कि आप वीर सावर्कर नेशनल हायर सेंकडरी स्कूल,
मैसूर के विद्यार्थी हैं और बुखार के कारण दो दिन छुट्टी लेना चाहते हैं | इस
विवरण के आधार पर स्कूल के प्रचार्य को एक छुट्टी-पत्र लिखिए |
(2) नौकरी की मांग करते हुए प्रधान सचिव, दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार
सभा, चेन्नै को एक प्रार्थना-पत्र लिखिए |
(3) व्यवस्थापक, कमल भारती प्रकाशन, इलाहाबाद को कुछ पुस्तकों का
आदेश देते हुए एक पत्र लिखिए |
(4) तमिलनाडु मोटर्स लिमिटेड की ओर से लेखाकार की आवश्यकता पर विज्ञापन
देते हुए नवभारत टाइम्स को एक पत्र लिखिए |
3. निम्नलिखित गद्यांश को संक्षेप में
लिखिए:
à(हिन्दी रत्नाकर) (1 x 5 = 5)
4. अपनी प्रांतीय भाषा में अनुवाद कीजिए :
à(हिन्दी रत्नाकर) (1 x 10 = 10)
5. हिन्दी में अनुवाद कीजिए :
à(हिन्दी रत्नाकर) (1 x 10 = 10)
भाग-II
1.ஏதேனும் ஒன்றனுக்கு இடஞ்சுட்டிப் பொருள் விளக்கம் தருக:
à(தமிழ் பொழில் - 1) (1 out of 2) (1 x 10 =
10)
(1) சாதிக் கொடுமைகள் வேண்டாம் – அன்பு
தன்னில்
செழித்திடும் வையம்.
(2) எத்தனை பிறவி எடுக்கினும் அவற்றுள்
ஈகையும் செல்வமும் எய்தி
(2) பட்டினி யாக இறந்திடினும் – நாங்கள்
பாவம்
பழிசெய்ய மாட்டோம் – அம்மா !
(3) நண்பனாய் மந்திரியாய் நல்லா சிரியனுமாய்
பண்பிலே
தெய்வமாய்ப் பார்வையிலே சேவகனாய்
எங்கிருந்தோ
வந்தான் இடைச்சாதி என்று சொன்னான்
இங்கிவனை
யான்பெறவே என்னதவம் செய்துவிட்டேன்!
னட(4) கன்று பசுவை மறந்திடினும் – செய்த
கருமங்கள்
உம்மை விடுமோ ஐயா ?
(5) என்ன குறை ? எங்கு வந்தீர் ?” எனக் கேட்கும்
இன்முகமாய்க்
குலவுகின்ற எளிமை வேண்டும்.”
‘நட்பு’ அதிகாரத்தில் உள்ள திருக்குறள்களுக்கான விளக்கங்களை படித்து கொள்ளவும்.
2.ஏதேனும் ஒரு வினாவிற்கு விடை தருக: à(தமிழ் பொழில் - 1) (1 out of 3) (1 x 15 = 15)
1.நட்பு பற்றி திருவள்ளுவர் கூறும் கருத்துகளைத் தொகுத்து வரைக.
2. நட்பாராய்தல் பற்றி திருவள்ளுவர் கூறும் கருத்துகளைத் தொகுத்து வரைக.
3. மெய்பொருள் நாயனாரின் பக்தியினைத் தொகுத்து எழுதுக.
4. முரசு மூலம் பாரதியார் விடுக்கும் செய்திகள் பற்றி தொகுத்து எழுதுக
5. கண்ணன் என் சேவகன் என்று பாரதியார் கூறும் கருத்துகளைத் தொகுத்து எழுதுக.
6. புத்தகச்சாலை என்ற தலைப்பில் புரட்சி கவிஞர் பாரதிதாசன்
கூறும் கருத்துக்களைத் தொகுத்து வரைக.
7. செல்வச் சிறுமியரின் களிப்பை கவிமணி தேசிக விநாயகம் பிள்ளை எங்ஙனம் வர்ணிக்கின்றார்?
3.ஏதேனும் ஒன்றனுக்கு இடஞ்சுட்டிப் பொருள் விளக்கம் தருக:
à(தமிழ் பொழில் - 1) (1 out of 2) (1 x 10 =
10)
(1) “இந்தஉத்தி யோகம் என்ன பெரிதா – நெஞ்சே !
இதுபோனால்
நாம்பிழைப்பது அரிதா?”
(2) “துறவியாக வாழ்பவருக்குக் குலமும் கிடையாது:
கோத்திரமும்
கிடையாது: பழிப்பவர் பழிக்கட்டும்.”
(3) “மானம் இழந்தபின் வாழாமை முன்இனிது.”
(4) சுயராஜ்யம் எனது பிறப்புரிமை; அதனை நான் அடைந்தே தீருவேன்.”
(5) சாதி இரண்டொழிய வேறில்லை சாற்றுங்கால்
நீதி வழுவா நெறிமுறையின் – மேதினியில்
இட்டார் பெரியோர் இடாதார் இழிகுலத்தோர்
பட்டாங்கில் உள்ள படி
(6) மதியாதார் முற்றம் மதித்து ஒருகால் சென்று
மிதியாமை
கோடியுறும்.”
4.ஏதேனும் ஒரு வினாவிற்கு விடை தருக:
à(தமிழ் பொழில் - 1) (1 out of 3) (1 x 15 = 15)
1. உத்தம நண்பர் பற்றி ஆசிரியர் கூறும் கருத்துகள் யாவை ? 2. “இனியவை நாற்பது” கூறும் கருத்துகள் யாவை?
3. கரிகால் வளவனின் சிறப்புகள் தொகுத்து எழுதுக
4. குமரகுருபரர் : குறிப்பு வரைக.
5. “தமிழ்த்தாத்தா உ.வே. சாமிநாதய்யர்” பற்றி ஒரு கட்டுரை வரைக.